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| Microsoft और OpenAI |
Microsoft और OpenAI ने चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek से जुड़े एक समूह पर संभावित डेटा चोरी का आरोप लगाया है और इसकी जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुई यह डेटा चोरी?
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के अंत में OpenAI के API सिस्टम से बड़े पैमाने पर डेटा एक्सट्रैक्शन देखा गया, जिससे संदेह पैदा हुआ।
Microsoft, जो OpenAI का सबसे बड़ा निवेशक है, ने इस गतिविधि को पहली बार पकड़ा और तुरंत ChatGPT बनाने वाली कंपनी को सतर्क किया। ऐसा माना जा रहा है कि इस समूह ने OpenAI की सेवा शर्तों का उल्लंघन किया हो सकता है या फिर सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाकर डेटा प्रतिबंधों को दरकिनार किया गया होगा।
DeepSeek AI: चीन का तेजी से उभरता AI स्टार्टअप
DeepSeek AI ने हाल ही में 20 जनवरी को अपना नया मॉडल, R-1 लॉन्च किया, जिसे OpenAI के ChatGPT का सीधा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है।
इसका प्रभाव इतना बड़ा था कि अमेरिकी टेक और AI शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या DeepSeek AI ने OpenAI की तकनीक चुराई?
DeepSeek पर गंभीर आरोप
व्हाइट हाउस के "क्रिप्टो और AI प्रमुख" डेविड सैक्स ने DeepSeek AI की सफलता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने Fox News को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि DeepSeek ने OpenAI के मॉडल्स से "डिस्टिलेशन" तकनीक के जरिए डेटा चुराया।
"DeepSeek ने OpenAI के मॉडल्स से जानकारी निकालकर अपने AI को ट्रेन किया। इससे OpenAI को बड़ा नुकसान हुआ है," – डेविड सैक्स।
डिस्टिलेशन तकनीक क्या है?
AI में डिस्टिलेशन तकनीक का उपयोग करके एक मॉडल को दूसरे AI के आउटपुट से ट्रेन किया जाता है। यदि यह प्रक्रिया बिना अनुमति के की जाए, तो यह गंभीर नैतिक और बौद्धिक संपदा का उल्लंघन माना जाता है।
OpenAI ने DeepSeek पर सीधे कोई बयान नहीं दिया, लेकिन एक प्रवक्ता ने कहा:
"चीनी कंपनियाँ और अन्य विदेशी संगठन लगातार अमेरिकी AI कंपनियों के मॉडल को डिस्टिल करने की कोशिश कर रहे हैं।"
अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियाँ भी सतर्क
यह विवाद अब सिर्फ तकनीकी प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी जुड़ गया है।
CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी नौसेना (US Navy) ने अपने कर्मचारियों को DeepSeek के किसी भी उत्पाद का उपयोग करने से सख्ती से मना कर दिया है।
24 जनवरी को जारी एक आधिकारिक ईमेल में नौसेना ने DeepSeek के AI मॉडल को "संभावित सुरक्षा और नैतिक चिंताओं वाला" बताते हुए इसका उपयोग प्रतिबंधित कर दिया।
इसके अलावा, DeepSeek की गोपनीयता नीति भी विवादों में है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह IP एड्रेस, डिवाइस जानकारी और कीस्ट्रोक पैटर्न जैसे संवेदनशील डेटा एकत्र करता है, जिसे अत्यधिक माना जा रहा है।
क्या AI की यह जंग साइबर युद्ध में बदल रही है?
DeepSeek AI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और OpenAI के साथ इसका कथित टकराव यह दर्शाता है कि AI तकनीक अब केवल व्यापार का विषय नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक शक्ति संघर्ष बन गई है।
अगर DeepSeek AI पर लगे डेटा चोरी के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह AI इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मोड़ हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Microsoft और OpenAI की यह जांच क्या नए खुलासे करती है और इससे ग्लोबल AI मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है!

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